अर्जित अवकाश के आगणन की कार्यविधि का सरलीकरण

संख्या: 344-जी/रा0वि0प0-एक-230ए/66 दिनांक: 31 जनवरी 1979

वित्तीय नियमावली खंड-2, भाग2-4 के मूल नियम 81-बी (i) तथा सहायक नियम 157-ए (i) में यह व्यवस्था है कि परिषद् की सामान्य सेवा शर्तो से अनुशासित परिषदीय ड्यूटि पर व्यतीत की गई अवधि के 1/11 की दर से अवकाश अर्जित करेंगे। जब भी कोई परिषदीय कर्मचारी अवकाश पर प्रस्थान करता है तो उपरोक्त व्यवस्था के अन्तर्गत यह निकालना पड़ता है कि वह कितने दिन ड्यूटी पर रहा और तब ड्यूटी की उस अवधि के 1/11 की दर से उसकी देय अर्जित अवकाश निकाला जाता है। यह प्रक्रिया काफी श्रमसाध्य है तथा इसमें समय भी अधिक लगता है। परिषदीय कर्मचारियों के अर्जित अवकाश के आगणन की कार्यविधि को सरल बनाने के प्रश्न पर शासन की अनुरूपता में परिषद् ने यह निर्णय लिया है कि अर्जित अवकाश के आगणन की कार्यविधि का सरलीकरण कर दिया जाय। अतः परिषद ने सहर्ष यह निर्णय लिया है कि दिनांक 1 जनवरी 1979 से परिषदीय कर्मचारियों/अधिकारियों के सम्बन्ध में अर्जित अवकाश के आगणन के विषय में निम्नलिखित कार्यविधि अपनायी जायेगी।

(क) प्रत्येक परिषदीय कर्मचारी के अवकाश लेखे में प्रत्येक कैलेण्डर वर्ष में 31 दिन का अर्जित अवकाश दो छमाही किस्तों में जमा किया जायेगा। इस प्रकार प्रत्येक वर्ष पहली जनवरी को 16 दिन तथा पहली जुलाई को 15 दिन का अर्जित अवकाश जमा किया जायेगा।

(ख) वर्ष की पहली छमाही की समाप्ति पर परिषदीय कर्मचारी के अवकाश लेखें में जमा अर्जित अवकाश वर्ष की अगली छमाही में लाया (Carry forward) जायेगा, परन्तु प्रतिबन्ध यह है कि जो अवकाश आगे लाया जायेगा और उसमें छमाही का जो अवकाश जमा किया जायेगा वह कुल मिलाकर 180 दिन की अधिकतम सीमा से अधिक नही होगा।

यदि किसी परिषदीय कर्मचारी की नियुक्ति दिनांक 1 जनवरी 1979 को या उसके पश्चात् की जाती है तो उसके अवकाश लेखे में प्रत्येक पूर्ण कैलेण्डर मास की सेवा के निये जो उससे उस कैलेण्डर वर्ष की छमाई में की जानी प्रत्याशित है जिसमें वह नियुक्ति किया गया है, 2½ (ढाई) दिन प्रतिमास की दर से अवकाश जमा किया जाना चाहिये। उदाहरण के तौर पर यदि उसकी नियुक्ति 13 मार्च को हुई हो तो उस वर्ष की छमाही में उसकी सेवा के पूर्ण महीनों की संख्या 3 होगी और जमा किया जाने वाला अवकाश 3×5/2= 7½ दिन अर्थात पूर्णांकित (rounded off) 8 दिन होगा। इसी प्रकार यदि उसकी नियुक्ति 20 अप्रैल को हुई हो तो पूर्ण महीनों की संख्या केवल 2 होगी और जमा किये जाने वाला अवकाश 2×5/2=5 दिन होगा।

यदि कोई परिषदीय कर्मचारी किसी छमाही में असाधारण अवकाश का उपभोग करता है तो अगली छमाही में उसके अवकाश खाते में जमा किये जाने वाला अवकाश असाधारण अवकाश की अवधि के 1/10 की दर से 15 दिन की अधिकतम सीमा के अधीन रहते हुए कम कर दिया जायेगा। उदाहरण के तौर पर सदि किसी परिषदीय कर्मचारी ने दिनांक 15 मई से 24 मई तक अर्थात् 10 दिन का असाधारण अवकाश उपभोग किया है तो उसक अवकाश खातें मे पहली जुलाई को जमा किये जाने वाला अवकाश एक दिन कम कर दिया जायेगा, और केवल 14 दिन का अर्जित अवकाश ही क्रेडिट होगा।
ऐसे मामलों में जिनमे परिषदीय कर्मचारी वर्ष की किसी छमाही में परिषदय सेवा सेवानिवृत्त हो जाने, त्यागपत्र देने, मृत्यु हो जाने अथवा किसी अन्य कारण से परिषदीय सेवा में नही रहेंगे, उस छमाही में उनके सेवानिवृत्त होने, त्यागपत्र देने, मृत्यु होने अथवा अन्य किसी कारण से से सेवा में न रहने के दिनांक तक ढाई दिन प्रति पूर्ण कैलेण्डर मास के हिसाब से अवकाश जमा किया जायेगा। इन मामलों में परिषदीय कर्मचारी द्वारा उस छमाही के प्रारम्भ होने के दिनांक से उपरोक्त कारणों से परिषदीय सेवा मे रहने के दिनांक तक उपभोग किये गये असाधारण अवकाश के सम्बन्ध में भी ऊपर प्रस्तर-3 के अनुसार उसी छमाही के सम्बन्ध में उसके खातें में जमा किये गये अर्जित अवकाश में से आवश्यक कटौती कर ली जायेगी। यदि किसी परिषदीय कर्मचारी द्वारा लिया गया अवकाश उसके खाते में बैठता है तो अधिक लिये गये अवकाश वेतन, यदि कोई हो, के सम्बन्ध में आवश्यक समायोजन किया जायेगाा। अतएव उस मास के सम्बन्ध में जिसमें उपरोक्त कारणों से परिषदीय कर्मचारी परिषदीय सेवा में न रहा हो, अवकाश वेतन अथवा/तथा वेतन का भुगतान करने से पूर्व सक्षम प्राधिकारी द्वारा यह भलीभाुति सुनिश्चित कर लिया जाना चाहिये कि सम्बन्धित परिषदीय कर्मचारी को इन आदेशों के अधीन ग्राहय अर्जित अवकाश से अधिक अर्जित अवकाश स्वीकृत नही किया गया है और देय अवकाश वेतन से अधिक अवकाश वेतन का भुगतान नही हुआ है।

यदि कोई परिषदीय कर्मचारी कैलेण्डर वर्ष की किसी छमाही के अंतिम दिन अवकाश पर हो तो वह आने वाले अर्धवर्ष की पहली तारीख के जमा किये गये अर्जित अवकाश का उपभोग करने का अधिकारी होगा वशर्ते कि अवकाश स्वीकृत करने के लिये सक्षम प्राधिकरी के पास इस बात पर विश्वास करने के लिये कारण हो कि परिषदीय कर्मचारी उस अवकाश के समाप्त होने पर ड्यूटी पर वापस लौट आयेगा।

उपरोक्त कार्यविधि के अनुसार जमा करते समय एक दिन के अंश की निकटतम दिन पर पूर्णांकित कर दिया जायेगा।
यद्यपि उपरोक्त प्रकार से अर्जित अवकाश पहले से जमा कर दिया जायेगा परन्तु अन्य प्रकार के अवकाश के सम्बन्ध में कोई परिवर्तन न होगा। इस प्रकार के अवकाश के सम्बन्ध में प्रविष्टियां जब और जैसे अवसर आयें की जानी चाहिये। वर्तमान परिषदीय कर्मचारियों के मामलों में पुराने अर्जित अवकाश सम्बन्धी अवकाश लेखें बन्द कर दिये जायेंगे और दिनांक 31 दिसम्बर 1978 को जमा अवकाश का हिसाव फिलहाल लेखे में जिसका प्रारूप है पृष्ठ 580 पर लाया जायेगा। संलग्न प्रारूप में निर्दिष्ट अनुदेशों का भलीभांति अध्ययन कर लिया जाये।

अवकाश स्वीकृत करने वाले सक्षम प्राधिकारी द्वारा अपने अधीनस्थ परिषदीय कर्मचारी के अर्जित अवकाश की प्रत्येक स्वीकृत के आदेश में इस आशय का भी उल्लेख किया जायेगा कि उसके अवकाश लेखे में अब कितना अवकाश अवशेष देय रहता है।