निजि कार्य पर अवकाश (Leave on Private Affaire) के आगणन की कार्य विधि का सरलीकरण।

संख्या 3704-जी/रा0वि0प0-का-1-230ए/66  दिनांक अक्टूबर 14, 1980

उपर्युक्त प्रसंग में मुझो यह निवेदन का निदेश हुआ है कि वित्तीय नियमावली खण्ड-2 भाग 2-4 के मूल नियम 81 बी (3) तथा सहायक नियम 157-ए (3) में यह व्यवस्था है कि परिषद की सामान्य सेवा शर्तो से अनुशासित परिषदीय कर्मचारी ड्यूटी पर व्यतीत की गई अवधि के 1/11 की दर से निजि कार्य पर अवकाश पर अवकाश अर्जित करेगा। जब भी कोई परिषदीय कर्मचारी निजी कार्य पर अवकाश पर प्रस्थान करता है तो उपरोक्त व्यवस्था के अन्तर्गत यह गणना करनी पड़ती है कि वह कितने दिन ड्यूटी पर रहा और उपरोक्तानुसार कितने दिन का उक्त अवकाश उसे देय हुआ। आगणन की उक्त कार्यअवधि के सरलीकरण के प्रश्न पर विचारोपरान्त राज्य शासन की अनुरूपता में परिषद ने यह निर्णय लिया है कि दिनांक 1 जुलाई 1979 से परिषदीय कर्मचारियों के सम्बन्ध में निजी कार्य पर अवकाश का आगणन नीचे दी गई विधि से किया जायेगा।

(क) प्रत्येक परिषदीय कर्मचारी के अवकाश लेखों में प्रत्येक कलेण्डर वर्ष में 31 दिन का निजी कार्य पर अवकाश दो छमाही किस्तों में जमा किया जायेगा। इस प्रकार प्रत्येक वर्ष पहली जनवरी को 16 दिन तथा पहली जुलाई को 15 दिन का निजी कार्य पर अवकाश जमा किया जायेगा।

(ख) वर्ष की पहली छमाही की समाप्ति पर परिषदीय कर्मचारी के अवकाश लेखे में जमा निजी कार्य पर अवकाश वर्ष की अगली छमाही में जोड़ने हेतु ले जाया (Carry forward) जायेगा। परन्तु प्रतिबन्ध यह है कि जो अवकाश आगे लाश जायेगा और उसमें अगली छमाही का जो अवकाश जमा किया जायेगा वह स्थायी परिषदीय कर्मचारियों के मामलों में कुल मिलाकर 365 दिन की अधिकतम सीमा से अधिक नहीं होगा तथा अस्थायी परिषदीय सेवकों के सम्बन्ध में वह कुल मिलाकर 60 दिन से अधिक नही होगा तथा अवकाश लेखों में 60 दिन का अवकाश इकट्ठा हो जाने पर अस्थाई परिषदीय कर्मचारियों के अवकाश लेखों में अवकाश जमा करना बन्द कर दिया जायेगा।

मूल नियम 81-बी (3) तथा सहायक नियम 157-ए-3 के अन्य प्राविधान पूर्ववत् रहेंगे।

2- यदि किसी परिषदीय कर्मचारी की नियुक्ति दिनांक 1 जुलाई, 1979 का या उसके पश्चात् की गई है तो उसके अवकाश लेखे में प्रत्येक पूर्ण कलेण्डर मास की सेवा के लिए जो उससे उस कलेण्डर वर्ष की छमाही में की जमा प्रत्याशित है, जिसमें यह नियुक्त किया गया है. 2½ (ढाई दिन) प्रतिमास की दर से अवकाश जमा किया जाना चाहिये उदाहरण के तौर पर यदि उसकी नियुक्ति 13 सितम्बर की हुई हो तो उस वर्ष की छुट्टियो में उसकी सेवा के पूर्णाक महीनों की संख्या 3 होगी और जमा किये जाने वाला अवकाश 3×5/2=7½  दिन अर्थात पूर्णांकित (round off) 8 दिन होगा। इसी प्रकार यदि उसकी नियुक्ति 30 अक्टूबर, को हुई हो तो पूर्ण महीनों की संख्या केवल 2 होगी और जमा किये जाने वाला अवकाश 2×5/2=5  दिन होगा।

3- यदि कोई परिषदीय कर्मचारी किसी महीनों में असाधारण अवकाश का उपभोग करता है तो अगली छमाही में उसके अवकाश खाते में जमा किया जाने वाला अवकाश असाधारण अवकाश की अवधि 1/10 की दर से 15 दिन को अधिकतर सीमा के अधीन रखते हुये कम कर दिया जायेगा। उदाहरण के तौर पर यदि किसी परिषदीय कर्मचारी ने दिनांक 15 सितम्बर से 24 सितम्बर तक अर्थात 10 दिन का असाधारण अवकाश का उपभोग किया है, उसके अवकाश खाते में पहली जनवरी को जमा किया जाने वाला अवकाश एक दिन कम कर दिया जायेगा और केवल 14 दिन का निजी कार्य पर अवकाश क्रेडिट होगा।

4- ऐसे मामलों में जिनमें परिषदीय कर्मचारी वर्ष की किसी छमाही में परिषदीय सेवा से सेवा निवृत्त हो जाने, त्याग पत्र दे देने, मृत्यु हो जाने अथवा किसी अन्य कारण से परिषदीय सेवा में नहीं रहेंगे, उस छमाही में उनके सेवा निवृत्त होने, त्याग पत्र देने, मृत्यु होने अथवा किसी अन्य कारण से सेवा में न रहने के दिनांक तक 2-2/2 दिन प्रति पूर्ण कलेण्डर मास के हिसाब से अवकाश जमा किया जायेगा। इन मामलों में परिषदीय कर्मचारियों द्वारा उस छमाही के प्रारम्भ होने के दिनांक से उपरोक्त कारणें से परिषदीय सेवा में न रहने के दिनांक तक उपभोग किये गये असाधारण अवकाश के सम्बन्ध में भी ऊपर प्रस्तर-3 के अनुसार उसी छमाही के सम्बन्ध में इनके खाते में जमा किये गये निजी कार्य पर अवकाश में ही आवश्यक कटौती कर ली जायेगी। यदि किसी परिषदीय द्वारा लिया गया अवकाश उसके खाते में जमा अवकाश से अधिक बैठता है तो अधिक लिये गये अवकाश वेतन यदि कोई हों के सम्बन्ध में आवश्यक समायोजन किया जायेगा। उस मास के सम्बन्ध में जिसमें उपरोक्त कारणों से परिषदीय कर्मचारी सेवा में न रहा हों, अवकाश वेतन/तथा वेतन का भुगतान करने से पूर्व सक्षम अधिकारी द्वारा भली-भांती सुनिश्चित कर लिया जाना चाहिये कि संबन्धित परिषदीय कर्मचारी को इन अनुदेशों के अधीन ग्राहय कार्य पर अवकाश से अधिक निजी कार्य पर अवकाश नही किया गया है और देय अवकाश वेतन से अधिक अवकाश वेतन का भुगतान नही हुआ है।

5- यदि कोई परिषदीय कर्मचारी कलेण्डर वर्ष की किसी छमाही के अन्तिम दिन अवकाश पर हो तो वह आने वाले वर्ष की पहली तारीख को जमा किये गये निजी कार्य पर अवकाश का उपभोग करने का अधिकारी होगा बशर्ते कि अवकाश स्वीकृत करने के किये सक्षम प्राधिकारी के पास इस बात पर विश्वास करने के लिये कारण हो कि परिषदीय कर्मचारी उस अवकाश के समाप्त होने पर डयूटी पर वापस लौट आयेगा।

6- उपरोक्त कार्यविधि के अनुसार अवकाश जमा करते समय एक दिन के अंश को निकटतम दिन पर पूर्णांकित कर दिया जायेगा।

7- इस प्रकार के अवकाश के सम्बन्ध में प्रविष्टियां जब और जैसे अवसर आये की जानी चाहिये। वर्तमान परिषदीय कर्मचारी के मामलों में पुराने निजी कार्य पर अवकाश सम्बन्धी अवकाश लेखे बन्द कर दिये जायेंगं और दिनांक 30.6.79 को जमा अवकाश का हिसाब फिलहाल नये लेखों में जिसका प्रारूप संलग्न है ले जाया जायेगा। संलग्न प्रारूप में निर्दिष्ट अनुदेशों का भली-भांती अध्ययन कर लिया जाये।

8- अवकाश स्वीकृत करने वाले सक्षम प्राधिकारी द्वारा अपने अधीनस्थ परिषदीय कर्मचारी को अवकाश की प्रत्येक स्वीकृति के आदेश में इस आशय का भी उल्लेख किया जायेगा कि उसके अवकाश लेखे में अब कितना अवकाश अवशेष देय रहता है।

संलग्नक

परिषदीय कर्मचारी का नाम……………………………………………………………………………………………………………….पदनाम…………………………………………………………………………….……….
जन्म तिथि………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………..
निरन्तर सेवा आरम्भ होने की तिथि………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………..
स्थाई सेवायोजन की तिथि……………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………
सेवा समाप्ति/सेवा से अवकाश-प्राप्ति/त्याग पत्र देने की तिथि……………………………………………………………………………………………………………………………………..

कलेण्डर अर्धवर्ष (षटमासिक) में सेवा का विवरण से……..तककलेण्डर अर्धवर्ष में सेवा के पूरे किये गये माहकलेण्डर अर्धवर्ष (षटमास) के प्रारम्भ में जमा किया गया निजी कार्य पर अवकाशपिछले कलेण्डर अर्धवर्ष में उपभोग किये गये ‘‘असाधारण अवकाश‘‘ के दिनों की संख्याघटाया जाने वाला ‘‘निजी कार्य पर अवकाश‘‘ (स्तम्भ-5 की अवधि का दशमांश)सम्पूर्ण ‘‘निजी कार्य पर अवकाश‘‘ जो जमा है (दिनों में) स्तम्भ 4-6लिया गया सेअवकाश तकदिनो की संख्याअवकाश से लौटने पर ‘‘निजी कार्य पर अवकाश‘‘ का अवशेष (स्तम्भ 7-10)
1……………………………….234567891011

निर्देश

टिप्पणीः- (1) देय ‘‘ निजी कार्य पर अवकाश‘‘ को दिनों में व्यक्त किया जाना चाहिये।
टिप्पणीः- (2) जब कोई परिषदीय कर्मचारी किसी कलेण्डर अर्धवर्ष (षटमास) के दौरान नियुक्त किया जाये तो उस कलेण्डर अर्धवर्ष में जिसमें कर्मचारी नियुक्त किया गया है, ‘‘निजी कार्य पर अवकाश‘‘ प्रत्येक पूर्ण की गई मासिक सेवावधि हेतु ढाई दिन की दर से जमा किया जायेगा और एक दिन के अंश को निकटतम दिन पर यह पूर्णांकित किया जायेगा।
टिप्पणीः- (3) विद्यमान परिषदीय सेवकों के पुराने ‘‘निजी कार्य पर अवकाश‘‘ खाते बन्द कर दिये जायेंगे और दि0 30 जून, 1979 को जो अवशेष होगा उसे नये लेखे के स्तम्भ में अग्रनीति (कैरीफारवर्ड) किया जायेगा ऐसा करते समय दि0 30 जून, 1979 को जो अवशेष होगा उसे निकटतम दिन पर पूर्णांकित कर दिया जायेगा।
टिप्पणीः- (4) स्तम्भ 6 में दिनांे की संख्या पूर्णंकित होगी। एक दिन के किसी भी अंश को निकटतम दिन पर पूर्णांकित कर दिया जायेगा।
टिप्पणीः- (5) असाधारण अवकाश की अवधि ‘‘लाल स्याही‘‘ (रेडइंक) से अंकित करें।