संख्या-1927-का/रा0वि0प0-एक-230ए/66 दिनांक: सितम्बर, 15, 1981
सम्प्रति परिषद के राजपत्रित/समकक्ष अधिकारियों को चिकित्सा प्रमाण-पत्र पर अवकाश की स्वीकृति हेतु वित्तीय नियमावली (खण्ड-2 भाग-24) के सहायक नियम 89,90 तथा 91 में विहिंत प्रक्रियानुसार चैकित्सिक परीक्षाणार्थ चिकित्सा परिषद (Medical Board) के समक्ष उपस्थित होना पड़ता है, ऐसे मामलों को छोड़कर जो उपरोक्त नियमावली के सहायक नियम 93 के अन्तर्गत आते है, राजपत्रित अधिकारियों को केवल चिकित्सा परिषद की संस्तुति पर ही चिकित्सा प्रमाण पत्र पर अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है और उसके अभाव में उन्हें एक दिन का भी ऐसा अवकाश देय नहीं है। चिकित्सा परिषद की बैठक उसके मुख्यालय पर महीने मे केवल एक बार होती है। जो राजपत्रित अधिकारी अपनी अस्वस्थता प्रमाण पत्र पर अवकाश उपभोग करना चाहते है उन्हे चिकित्सा परिषद की अगली बैठक तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है भले ही इस बीच में वे स्वस्थ हो गये हों, और अपने कार्य पर वापस आना चाहते हों, क्योंकि ऐसा न करने पर चिकित्सा परिषद की संस्तुति के अभाव में चिकित्सा प्रमाण पत्र पर अवकाश स्वीकृत नहीं किया जा सकता और बाध्य होकर उन्हे अर्जित अवकाश लेना पड़ता है। यदि अपेक्षित अर्जित राजपत्रित अधिकारियों को होने वाली कठिनाइयों को दूर करने के उद्देश्य से परिषद द्वारा राज्य शासन की अनुरूपता में इस विषय पर गम्भीरता पूर्वक विचार किया गया और यह निर्णय लिया गया है कि उपरोक्त नियमों का उदारीकरण करते हुए उनमें निम्नवत समुचित संशोधन कर दिया जाय:-
ऐसे मामलों में जहाँ सहायक नियम 89 के आधीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी/प्राधिकृत चिकित्सक (Authorised Medical Attendant), जैसी भी स्थिति हो, द्वारा प्रदत्त प्रमाण पत्र में संस्तुत अवकाश की अवधि तीन मास से अधिक न हो तथा मुख्य चिकित्साधिकारी/प्राधिकृत चिकित्सक (Authorised Medical Attendant) यह प्रमाणित करे कि उनकी राय में सम्बन्धित अधिकारी को चैकित्सिक परीक्षण हेतु चिकित्सा परिषद के समक्ष उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं है, सक्षम अधिकारी द्वारा राजपत्रित अधिकारियों को मुख्य चिकित्साधिकारी/प्राधिकृत चिकित्सक के प्रमाण पत्र पर ही अवकाश स्वीकृत कर दिया जाय। ऐसे विषयों में, जहाँ मुख्य चिकित्साधिकारी/प्राधिकृत चिकित्सक यह प्रमाणित करें कि उनकी राय में सम्बन्धित अधिकारी को चैकित्सक परीक्षा हेतु चिकित्सा परिषद के समक्ष उपस्थित होना आवश्यक है अथवा जहाँ सहायक नियम 89 के अधीन संस्तुत अवकाश की अवधि तीन मास से अधिक हो अथवा तीन मास या उससे कम की अवधि को बढ़ाने की संस्तुति के फलस्वरूप अवकाश की कुल अवधि तीन मास से अधिक होती हो, चिकित्सा प्रमाण पत्र पर अवकाश उपरोक्त नियमों से चिन्हित प्रक्रियानुसार चिकित्सा परिषद की संस्तुति पर ही स्वीकृत किया जायेगा। सुगम सन्दर्भ हेतु वित्तीय नियमावली के संगत नियमों में राज्य शासन द्वारा किये गये संशोधन संलग्नक में दर्शाये गए है।
उपरोक्त प्रस्तर-1 की व्यवस्थानुसार उन अधिकारियों के सम्बन्ध में जिनके वेतनमान की उच्चतम सीमा रू0 1200/- अथवा अधिक हो चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रदान करने हेतु प्राधिकृत चिकित्सक मुख्य चिकित्साधिकारी/उपमुख्य चिकित्साधिकारी अथवा रीडर, मेडिकल कालेज/चिकित्सा संस्थान होंगे जबकि अन्य अधिकारियों के लिए प्राधिकृत चिकित्सक राजकीय चिकित्सालयों के उप प्रभारी, द्वितीय चिकित्साधिकारी अथवा मेडिकल कालेज/चिकित्सा संस्थान के प्रवक्ता (Lecturer) होंगे जो रोगी को अस्पताल में भर्ती करने में सक्षम हों। उन मामलों में जहाँ अधिकारियो द्वारा बाहृय रोगी (Out door Patient) के रूप में अथवा परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त गैर सरकारी अस्पतालों में भर्ती होकर चिकित्सा कराई गई हो रोगी को भर्ती करने हेतु सक्षम चिकित्सक प्राधिकृत चिकित्सक माने जायेंगे।
इन आदेशों के अन्तर्गत चिकित्सा प्रमाण पत्र पर अवकाश स्वीकृत करने हेतु मुख्य अभियन्ता/महाप्रबन्धक/मुख्य क्षेत्रीय अभियन्ता/अति0 मुख्य अभियन्ता एवं तद्नुरूप मुख्य अधिकारी अपने अधीन कार्यरत सहायक अभियन्ताओं को अधिकतम अनुमन्य सीमा तक तथा अधिशासी अभियन्ता एवं उच्चतर अधिकारियों को 60 दिन की सीमा तक स्वीकार करने में सक्षम होंगे।
उपरोक्त आदेश दिनांक 1 अगस्त, 1981 से प्रभावी होंगे।
संलग्नक
(वित्तीय नियमावली, खण्ड-2 भाग-3 के सहायक नियम 89,90 तथा 91 का संशोधन)
संशोधित नियम
89. Before a gazetted Seryant can be granted leave, or an extension of leave on medical certificate, he/she must obtain a certificate in the following form :-
Statement of the case of………………………………………….Name (to be filled in by applicant in the presence of the Chief Medical Officer or the authorised medical attendant)
Appointment held…………………………………………….Age………………………..Total service………………………………….Previous period of leave of absence on medical certificate……………………….Habits…………………………….Disease………………….History………………………………………………………………………………………………..
I……………………………………………Chief Medical Officer/Authorised Medical Attendant at…………………………..or of…………………………………after careful and personal examination of the case hereby certify that Shri/Shrimati/Kumari……………………………………………………………………………………………….
I solemnly and sincerely declare that, according to the best of my judgement, a period of absence from duty is essentially necessary for the recovery of his/her health and recommend that he/she may be granted leave for……………………………with effect from……………………………………
*In my opinion it is/it is not necessary for the Officer to appear before a medical board.
Dated:
Chief Medical Officer
Authorised Medical Attendant.
*This sentence should either be modified by scoring out the irrelevant words altogether scored out according as the period of leave recommended is upto three months or exceeds that period.
Note :-1. This form should be adhered to as closely as possible and should be filed in after the signature of the government servant applying for leave has been taken. This certifying officer is not at liberty to certify that the applicant requires a change from or to a particular locality or that he/she is not fit to proceed to a particular locality. Such certificate should only be given at the explicit request of the sanctioning authority to whom it is open to decide when application on such grounds has been made to him, whether the government servant should go before a medical board to decide the question of his/her fitness for service.
Note :-2 The medical certificate and history of the case as also the certificate prescribed in rule 91 or 94 (b), as the case may be, should be prepared in duplicate one copy of which government servant proceeding on leave should take with him/her for presentation to the medical board or officer who examines him/her for fitness before his/her return to duty.
90. (a) In case the certificate obtained under rule 89 recommends appearance of the government servant before a Medical Board or the period of leave recommended in the certificate obtained under rule 89 is for more than three months or leave for three months or less is extended beyond three months the government servant must, except in cases covered by rule 93, obtain the permission of the head of office or, if he/she himself is the head of an office, of the head of his/her department to appear before a Medical Board. He/she should then present himself with two copies of the statement of hos/her case before such a Board. The Board will be assembled under the provisions of paragraph 255-258 in chapter VI of the Uttar Pradesh Medical Manual.
(b) When the leave recommended by the CMO/Authorised Medical Attendant, as the case may be, in the certificate obtained under rule 89 is for a period not exceeding three months and such medical attendant certifies that in his opinion it is not necessary for the applicant to appear before the Medical Board the authority competent to grant leave may dispense with the procedure laid down in sub-rule (a) of this rule.
91. Before the required leave or extension of leave can be granted in case falling under rule 90 (a) the government servant must obtain from the Board a certificate to the following effect.
“We do hereby certify according to the best of our Professional Judgement, after careful personal examination of the case, we consider the health of Shri/Shrimati/Kumari………………………………………………………………………………………………………………………..to be such as to render leave of absence for a period of absence for a period of…………………………………………………………………….absolutely necessary for his/her recovery.“
Note:- In cases in which the leave recommended is for more than three months or leave for three months or less is extended beyond three months, the medical Board shall state at the time of granting the certificate whether the government servant should or need not appear before another Medical Board for obtaining the certificate of fitness for return to duty.